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जारी परियोजनाएं
- मेडिकल इनोवेशन फंड (2016-2019) के तहत प्लास्मोडियम विवैक्स जीनोमिक्स पर आईसीएमआर वित्त पोषित अनुसंधान परियोजना।
- मलेरिया डायग्नोसिस (निदान) एवं ड्रग-रेजिस्टेंस जीनोटाइपिंग (कैनेडियन पीआई: डॉ. स्टेफनी यानो) के लिए पॉइंट-ऑफ-केयर (देखभाल-बिंदु) असे पर इंडो-कैनेडियन (आईसी-इम्पैक्ट्स) वित्त पोषित अनुसंधान परियोजना।
- सेंटर फॉर स्टडी ऑन द कॉम्पलैक्स मलेरिया इन इंडिया (सीएससीएमआई) पर एनआईएच वित्त पोषित परियोजना; यूएस पीआई: प्रो. जेन कार्लटन
- पी. फाल्सीपेरम प्रोटिओमिक्स (पीआई: डॉ. पी. आचार्य, एम्स, नई दिल्ली) पर डीएसटी वित्त पोषित अनुसंधान परियोजना
- भारत में 4 जनजातीय प्रभुत्व वाले राज्यः मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अपूर्ण प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया के उपचार के लिए आर्टेमेथेर-ल्यूमफैंट्रिन (एएल) संयोजन थेरेपी की प्रभावकारिता और सुरक्षा। डब्ल्यूएचओ, अप्रैल - दिसम्बर - 2017
- गर्भावस्था के दौरान मलेरिया से बचाव के लिए हस्तक्षेपी उपायों का एक आंकलनः मध्य भारत में एक संभावी देशांतरीय अध्ययन। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भारत, जुलाई 2015 - दिसम्बर 2017
- जगदलपुर, छत्तीसगढ़ में जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई की स्थापना। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भारत, सितंबर 2013 - अगस्त 2018.
- भारत के ओड़ीसा राज्य से प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम परजीवी में एचआरपी2 और एचआरपी3 जीन पर अध्ययन : एक संभावी मूल्यांकन। टाटा ट्रस्ट, अप्रैल 2017 - मार्च 2018.
- भारत में मलेरिया के वेक्टर एनोफिलिस क्लुसिफाइस के विरूद्ध लंबे समय तक चलने वाले आंतरिक (इनडोर) अवशिष्ट छिड़काव डेल्टामेथ्रिन 62.5 एससी-पीई के चरण III का मूल्यांकन। वित्त पोषित: आईसीएमआर (बायर क्रॉप साइंस), 2017-18।
- मध्य प्रदेश में मलेरिया ट्रांसमिशन में मलेरिया वेक्टर की बायोनोमिक्स - सिबलिंग प्रजाति की रचना और उसकी भूमिका स्थापित करना। वित्त पोषित: आईसीएमआर टास्कफोर्स, 2017-18।
- मध्य प्रदेश राज्य में मलेरिया वैक्टर में कीटनाशक प्रतिरोध की निगरानी। वित्त पोषित: आईसीएमआर टास्कफोर्स, 2017-18.
- मध्य प्रदेश के मंडला जिले में मलेरिया उन्मूलन (एक सार्वजनिक-निजी-भागीदारी (पीपीपी) परियोजना। वित्त पोषण: सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड, 2017-22.
- ओडिशा में 8 स्थानिक जिलों से प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम परजीवी में एचआरपी2 और एचआरपी3 जीन पर अध्ययन: एक संभावी मूल्यांकन, 2017-18. वित्त पोषित टाटा ट्रस्ट।
- संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम, भारत के तहत जनजातीय आबादी में टीबी नियंत्रण पर व्यय और शक्ति प्रदान करने के लिए लक्षित अंतःक्षेप।
- मध्य प्रदेश जिला गुना के सहरिया जनजाति में तीव्र यक्ष्मा (ट्यूबरकुलोसिस) रोग नियंत्रण।
- एमडीआर का पता लगाने के लिए लाइन प्रोब असे और एक्सपर्ट एमटीबी/आरआईएफ का तुलनात्मक अध्ययन (आईसीएमआर, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित)।
- कल्चर से एम. ट्यूबरक्लोसिस का समय पूर्व पता लगाने हेतु इम्यूनोविजुअल जांच-प्रणाली तैयार करना (टाटा ट्रस्ट्स, मुंबई द्वारा वित्त पोषित)।
- नमूनों/थूक से प्रत्यक्ष माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस एंटीजन का पता लगाने के लिए इम्यूनो-लैम्प का उपयोग करके एमटीबी-एंटीजन की उच्च संवेदनशीलता की जांच की तैयारी करना और विकास करना (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर इंफेक्शियस डिसीज़, ब्रुकलिन, यूएसए द्वारा वित्त पोषित)
- भारत में जनजातीय आबादी के बीच गैर-संक्रामक रोगों और मृत्यु के कारण के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी: आईसीएमआर टास्क फोर्स प्रोजेक्ट (डिवीजन ऑफ एनसीडी)।
- मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के बैगा जनजाति में स्कैबिज के प्रबंधन के लिए अंतःक्षेप कार्यक्रम।
- भारत के चयनित जिलों के समुदाय में फ्लोरोसिस की रोकथाम और फ्लोरोसिस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक उपयुक्त अंतःक्षेप मॉडल का विकास (मल्टी-सेंट्रिक आईसीएमआर टास्कफोर्स स्टडी).
- मध्य प्रदेश में हीमोग्लोबिनोपैथीज़ की जांच।
- भारतीय स्थिति के तहत एक नई सिकल सेल डायग्नोस्टिक डिवाइस-सिकल स्कैन® का पायलट सत्यापन अध्ययन।
- भारत के आदिवासियों के बीच जी6पीडी की कमी का सूक्ष्म मानचित्रण (माइक्रो मैपिंग) और एंटीमलेरियल थेरेपी के लिए इसका महत्व।
- मलेरिया स्थानिक क्षेत्रों में रहने वाली जनजातीय आबादी और एंटी-मलेरिया थेरेपी के साथ इसके संबंध के बीच जी6पीडी की कमी की जाँच।
- अल्फा हीमोग्लोबिन चेन वेरिएंट के लिए विशेष संदर्भ में नरसिंहपुर जिले में हीमोग्लोबिनोपैथिज की जाँच।
- सिकल सेल एनीमिया के लिए पेपर आधारित स्क्रीनिंग टेस्ट का मूल्यांकन
- भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली (2012 के बाद से जारी) द्वारा वित्त पोषित ग्रेड II वायरोलॉजी प्रयोगशाला की स्थापना।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वित्त पोषित, मध्यप्रदेश के आदिवासी-ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट के मूल्यांकन पर पायलट अध्ययन । (सितंबर 2016 से जारी)।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य समुदाय में जैव-जोखिम शमन जागरूकता बढ़ाना और एनआईवी पुणे/सीडीसी यूएसए द्वारा वित्त पोषित वायरल रक्तस्रावी बुखार और श्वसन संक्रमण के कारण उच्च जोखिम वाले समूह वायरल रोगजनकों की निगरानी और प्रकोप से निपटने के लिए बढ़ी हुई नैदानिक क्षमताओं के लिए प्रयोगशाला नेटवर्क बनाना। (सितंबर 2016 से जारी)।
- राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, नई दिल्ली द्वारा एमपी और सीजी के लिए डेंगू और चिकनगुनिया की लिए एपेक्स रेफरल प्रयोगशाला (अप्रैल 2011 से चालू होने वाली परियोजना)।
- भारत में डेंगू वायरस के संक्रमण की व्यापकता का अनुमान लगाने के लिए एक बहु-केन्द्रित अध्ययन (चार महीने सितम्बर 2017 से दिसम्बर 2017 की लघु अवधि परियोजना)